Ekadashi kab hai: एकादशी का दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है और इसे उपवास और पूजा के लिए बहुत शुभ माना जाता है। 2024 – 25 में आने वाली सभी एकादशी तिथियों की जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है ताकि आप समय पर उपवास और पूजा कर सकें।
इस लेख में, हम आपको 2024 – 25 की एकादशी तिथियों की पूरी जानकारी देंगे, जिससे आप हर एकादशी पर सही समय पर अपनी धार्मिक गतिविधियों को पूरा कर सकें। जानें कि कब-कब हैं एकादशी और उनके धार्मिक महत्व के बारे में विस्तार से।
एकादशी व्रत किसको करना चाहिए
एकादशी व्रत सभी के लिए शुभ माना जाता है और इसे कोई भी व्यक्ति कर सकता है। एकादशी व्रत धर्मिक एवं आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। इस व्रत को भगवान विष्णु की भक्ति में किया जाता है और इसका माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को आत्मिक शुद्धि, मानसिक शांति और ध्यान की स्थिति में स्थायिता प्राप्त होती है।
इसे निम्न तरह के लोग कर सकते है –
- धार्मिक व्यक्ति
- शांति और मानसिक संतुलन चाहने वाले
- स्वास्थ्य लाभ चाहने वाले
- पारिवारिक कल्याण के इच्छुक व्यक्ति
- दुख और कष्टों से मुक्ति चाहने वाले
निर्जला एकादशी व्रत के नियम क्या है ?
निर्जला एकादशी व्रत वर्ष की सबसे कठोर एकादशियों में से एक मानी जाती है। यह व्रत ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को किया जाता है। इस दिन व्रत रखने वाले लोग सूर्योदय से सूर्यास्त तक न तो जल ग्रहण करते हैं और न ही कोई अन्य भोजन करते हैं।
व्रत के दौरान निम्न बातो का ध्यान रखे –
- पूरे दिन जल ग्रहण न करें।
- किसी भी प्रकार का भोजन न करें।
- फल, फलों का रस, दूध आदि का भी सेवन न करें।
- भगवान विष्णु का ध्यान करें।
- मंत्रों का जाप करें।
- धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें।
- निर्धन और जरूरतमंदों को दान दें।
- अनावश्यक बातचीत और विवादों से बचें।
गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली महिलाएं, बीमार लोग और छोटे बच्चे इस व्रत को न रखें।
एकादशी कब है 2024 – इस महीने की एकादशी कब है
2024 में, साल भर में 24 एकादशियां आएंगी। उनकी तिथियां इस प्रकार हैं:
साल भर में 24 एकादशियां आएंगी। उनकी तिथियां इस प्रकार हैं:
तिथि | दिन | एकादशी का नाम |
---|---|---|
7 जनवरी | रविवार | सफला एकादशी |
21 जनवरी | रविवार | पौष पुत्रदा एकादशी |
6 फरवरी | सोमवार | शटिला एकादशी |
20 फरवरी | सोमवार | जया एकादशी |
7 मार्च | गुरुवार | विजया एकादशी |
20 मार्च | बुधवार | आमलकी एकादशी |
5 अप्रैल | शुक्रवार | पापमोचनी एकादशी |
19 अप्रैल | शुक्रवार | कामदा एकादशी |
4 मई | शनिवार | वरुथिनी एकादशी |
18 मई | शनिवार | मोहिनी एकादशी |
2 जून | रविवार | निर्जला एकादशी |
17 जून | सोमवार | योगिनी एकादशी |
1 जुलाई | सोमवार | आषाढी एकादशी |
17 जुलाई | बुधवार | कामिका एकादशी |
30 जुलाई | मंगलवार | पुत्रदा एकादशी |
31 जुलाई | बुधवार | सवित्री एकादशी |
15 अगस्त | गुरुवार | पारिजात एकादशी |
29 अगस्त | गुरुवार | अजा एकादशी |
14 सितंबर | शनिवार | परिवर्तिनी (पार्वती) एकादशी |
27 सितंबर | शुक्रवार | इंदिरा एकादशी |
13 अक्टूबर | रविवार | पापांकुशा एकादशी |
27 अक्टूबर | रविवार | रमा एकादशी |
11 नवंबर | सोमवार | वैष्णव एकादशी |
12 नवंबर | मंगलवार | उत्पन्ना एकादशी |
11 दिसंबर | बुधवार | मोक्षदा एकादशी |
26 दिसंबर | गुरुवार | सफला एकादशी |
देवशयनी एकादशी
देवशयनी एकादशी 2024 में 16 जुलाई (मंगलवार) को है। यह दिन भगवान विष्णु के चार महीने के शयन काल की शुरुआत का प्रतीक है।
Ekadashi kab hai वर्ष 2025
तिथि | दिन | एकादशी नाम |
---|---|---|
जनवरी 15 | बुधवार | पौष कृष्ण एकादशी |
फरवरी 3 | सोमवार | जया एकादशी |
फरवरी 18 | मंगलवार | विजया एकादशी |
मार्च 8 | शनिवार | आमलकी एकादशी |
मार्च 23 | रविवार | पापमोचनी एकादशी |
अप्रैल 11 | शुक्रवार | कामदा एकादशी |
अप्रैल 25 | शुक्रवार | वरुथिनी एकादशी |
निष्कर्ष –
इस लेख में जाना की Ekadashi kab hai 2024 और व्रत की क्या प्रक्रिया है। कुल मिलाकर, एकादशी व्रत सभी के लिए लाभकारी है और इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ करना चाहिए। यह न केवल आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है बल्कि जीवन की कई समस्याओं को भी दूर करता है।