How to Apply for Divorce: तलाक की प्रक्रिया जटिल हो सकती है, लेकिन सही जानकारी के साथ इसे समझना आसान हो सकता है। इस गाइड में, हम आपको तलाक लेने की पूरी प्रक्रिया के बारे में बताएंगे, जिसमें आवेदन कैसे करें, आवश्यक दस्तावेज, कानूनी पहलू, और कोर्ट में पेशी शामिल हैं। यदि आप तलाक लेने पर विचार कर रहे हैं, तो यह लेख आपकी मदद करेगा ताकि आप सभी आवश्यक कदम समझ सकें और सही तरीके से आवेदन कर सकें।
सुप्रीम कोर्ट ने तलाक प्रक्रिया को सरल बनाते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब तलाक के लिए 06 महीने का इंतजार जरूरी नहीं रहेगा। इससे विवाहित जोड़े जल्दी से अलग हो सकते हैं।
तलाक की जरूरत क्यों पड़ती है?
अक्सर माना जाता है कि शादी स्वर्ग में बनती है, लेकिन कभी-कभी रिश्तों में घुटन और ऊबन आ जाती है। ऐसे में तलाक एकमात्र समाधान बन जाता है। शादी को कानूनी रूप से समाप्त करने के लिए एक उचित प्रक्रिया का पालन करना होता है।
तलाक की प्रक्रिया – Divorce Process in India Hindi
तलाक की प्रक्रिया में आवेदन करने से लेकर कोर्ट का निर्णय सुनाने तक कई चरण शामिल होते हैं। यह प्रक्रिया कानूनी अड़चनों और नियमों से भरी हो सकती है, जिन्हें समझना आवश्यक है।
भारत में तलाक के तरीके क्या है ?
भारत में Divorce के दो प्रमुख तरीके हैं:
- आपसी सहमति से तलाक और
- एकतरफा अर्जी।
आपसी सहमति से तलाक में दोनों पक्ष खुशी-खुशी संबंध समाप्त करते हैं, जबकि एकतरफा अर्जी में एक पक्ष तलाक के लिए आवेदन करता है।
आपसी सहमति से तलाक की प्रक्रिया
- अर्जी दाखिल करना: पति-पत्नी को कोर्ट में तलाक की अर्जी दाखिल करनी होती है।
- बयान और दस्तखत: दोनों पक्षों के अलग-अलग बयान लिए जाते हैं और दस्तखत की औपचारिकता होती है।
- 06 महीने का समय: कोर्ट 06 महीने का समय देता है ताकि दोनों पक्ष अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकें।
- कोर्ट का निर्णय: अगर कोर्ट को लगता है कि रिश्ता नहीं सुधरने वाला है, तो वह 06 महीने के इंतजार को खत्म कर सकता है और तलाक का फैसला सुना सकता है।
कानूनी अधिकार और कस्टडी
- गुजारा भत्ता: तलाक के बाद आर्थिक निर्भरता वाले साथी को गुजारा भत्ता दिया जाता है।
- बच्चों की कस्टडी: बच्चों की कस्टडी का निर्णय भी महत्वपूर्ण होता है, जिसे कोर्ट द्वारा तय किया जाता है।
एकतरफा अर्जी
अगर एक पक्ष तलाक के लिए तैयार न हो, तो तलाक की प्रक्रिया अधिक जटिल हो सकती है। शादी से बाहर यौन संबंध, शारीरिक-मानसिक क्रूरता, लंबे समय से अलग रहना, गंभीर यौन रोग, मानसिक अस्वस्थता, और धर्म परिवर्तन जैसे आधारों पर तलाक की अर्जी दी जा सकती है।
पत्नी के विशेष अधिकार
पत्नी को कुछ विशेष अधिकार भी दिए गए हैं, जैसे कि बलात्कार या अप्राकृतिक यौन संबंध, बिना तलाक के दूसरी शादी, या कम उम्र में शादी की स्थिति में तलाक की अर्जी दायर करना।
तलाक के लिए आवश्यक दस्तावेज
तलाक की प्रक्रिया के दौरान कई तरह के दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। ये दस्तावेज देश, राज्य और व्यक्तिगत परिस्थितियों के आधार पर भिन्न हो सकते हैं।
- विवाह पंजीकरण प्रमाणपत्र
- पासपोर्ट साइज़ फोटो
- पते का प्रमाण
- आय का प्रमाण
- संपत्ति के दस्तावेज
- बच्चों के दस्तावेज
- तलाक के कारणों का विवरण
- मध्यस्थता का रिपोर्ट
तलाक के लिए आवेदन कैसे करें? – How to Apply for Divorce
- वकील से सलाह लें: तलाक का आधार तय करें और पर्याप्त सबूत जुटाएं।
- कोर्ट में अर्जी दें: तलाक की अर्जी दाखिल करें और नोटिस जारी करें।
- सुलह की कोशिश: कोर्ट की पहली कोशिश सुलह करवाने की होती है।
- सुनवाई और निर्णय: कोर्ट में सुनवाई के बाद तलाक का निर्णय सुनाया जाता है।
तलाक की प्रक्रिया को समझना और सही तरीके से आवेदन करना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले से तलाक प्रक्रिया में तेजी आई है, जिससे विवाहित जोड़े जल्दी से अलग हो सकते हैं।
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